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Kavita Kosh से
मेरे हर ख़याल में एक ख़ुशबू-सी भर गयी है
मुझे हँस के हँसके अब विदा दो, मेरी ज़िन्दगी का ग़म क्या!
ये समझ लो आज दुलहन साजन के घर गयी है