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Kavita Kosh से
कभी धड़कनों में है दिल की तू, कभी इस जहान से दूर है
ये कमाल है तेरे हुस्न का, कि नज़र का मेरी फितूर फ़ितूर है!
तू भले ही हाथ न थाम ले, कभी मुझको अपना पता तो दे