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Kavita Kosh से
हमने नाव सिन्धु में छोड़ी
तट पर ही चक्कर देना क्या! लो लौ अकूल से जोड़ी
साथी जो इस पार रहे हैं
वहीं, वहीं सर सिर मार रहे हैं
हम तो उसे सँवार रहे हैं
आयु बची जो थोड़ी
तट का खेल न उसे सुहाता
हमने उनसे जोड़ा नाता
परिधि जिन्होंने छोड़ीतोड़ी
हम विलीन हों भले अतल में
हमने नाव सिन्धु में छोड़ी
तट पर ही चक्कर देना क्या! लो लौ अकूल से जोड़ी
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