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13:06, 3 अगस्त 2011 वो दिन अब क्यों नहीं आते
उन दिनों वो दोस्त मेरे साथ था
मेरे हाथ मे उसका हाथ था
वो दिन अब क्यों नहीं आते
वो मेरे मन के बहुत पास था
उन दिनों मेरी जुबा पर उसका ही नाम था
वो दिन अब क्यों नहीं आते
उन दिनों मुझे एक ही काम था
उससे ही बात करने मे आराम था
वो दिन अब क्यों नहीं आते