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सदस्य:Ssanjay Kumar Sharma

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अंतिम अधिगम
अंतिम अधिगम
२०॰०८॰२०११

"कदाचित हर कोई जीवन के अंतिम क्षण तक
हर पल कुछ-न-कुछ सीखता है
और उसका अंतिम अधिगम मृत्यु है,
क्या उसकी मृत्यु उसके जीवन में मृत्यु का प्रथम अनुभव नहीं !
और हाँ ! यह परमानन्दप्रद अधिगम अहस्तांतरणीय भी है
इसे कोई किसी को भी नहीं दे सकता,
गुरु शिष्य को भी नहीं,
यहाँ जो आ गया है उसे स्वयं ही यह कला सीखनी पड़ेगी,
मुझे भी ,तुम्हें भी ,उसे भी।
ऒम शान्तिः शान्तिः शान्तिः !!!

--- संजय कुमार शर्मा