भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[ इस शहर में कोई / गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' ]]
* [[ करम कर तू ख़ुदा को/ गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' ]]
* [[ दरख़्त धूप को साये में ढाल देता है / गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' ]]
'''दोहे'''