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|संग्रह=कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह
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{{KKCatNavgeet}}<Poem>मोटी, धुली लॉन की दूब,<br>::साफ़ मखमल की कालीन।<br>कालीन ठंडी धुली सुनहरी धूप।<br><br>धूप
हलकी मीठी चा-सा दिन,<br>मीठी चुस्की-सी बातें,<br>मुलायम बाहों-सा अपनाव।<br><br>अपनाव
पलकों पर हौले-हौले<br>तुम्हारे फूल से पाँव<br>::मानो भूलकर पड़ते<br>::हृदय के सपनों पर मेरे!<br>अकेला हूँ आओ!</Poem>