भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
uploaded by Prabhat
इन्सान में हैवान
यहाँ भी है वहाँ भी
अल्लाह निगहबान
यहाँ भी है वहाँ भी |
खूँख्वार दरिंदों के
फ़क़त नाम अलग हैं
शहरों में बयाबान
यहाँ भी है वहाँ भी |
रहमान की कुदरत हो
या भगवान की मूरत
हर खेल का मैदान
यहाँ भी है वहाँ भी |
हिन्दू भी मज़े में है
मुसलमाँ भी मज़े में
इन्सान परेशान
यहाँ भी है वहाँ भी |
उठता है दिलो-जाँ से
धुआँ दोनों तरफ़ ही
ये 'मीर' का दीवान
यहाँ भी है वहाँ भी |
यहाँ भी है वहाँ भी
अल्लाह निगहबान
यहाँ भी है वहाँ भी |
खूँख्वार दरिंदों के
फ़क़त नाम अलग हैं
शहरों में बयाबान
यहाँ भी है वहाँ भी |
रहमान की कुदरत हो
या भगवान की मूरत
हर खेल का मैदान
यहाँ भी है वहाँ भी |
हिन्दू भी मज़े में है
मुसलमाँ भी मज़े में
इन्सान परेशान
यहाँ भी है वहाँ भी |
उठता है दिलो-जाँ से
धुआँ दोनों तरफ़ ही
ये 'मीर' का दीवान
यहाँ भी है वहाँ भी |