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दर्द-ए-ग़म-ए-फ़िराक़ <ref>विरह वेदना </ref> के ये सख़्त मरहले<ref>समस्याएँ </ref>
हैरां <ref>विस्मित </ref> हूँ मैं कि फिर भी तुम इतने हसीं रहे
इस इश्क़ की तलाफ़ी-ए-माफ़ात<ref> समय निकलने के बाद की क्षतिपूर्ति</ref> देखना