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गिलहरी / जगदीश व्योम

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चुन-चुन खूब बनाती।
गिलहरी दिनभर आती-जाती।।
 
दो बच्चे हैं छोटे-छोटे
अपना दूध पिलाती।
गिलहरी दिनभर आती-जाती।।
 
 
खिड़की पर जब कौआ आता
 
बच्चे खाने को ललचाता
 
पूँछ उठाकर चिक्-चिक्-चिक्-चिक्
 
करके उसे डराती।
 
गिलहरी दिनभर आती-जाती।।