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'''अपनी बात''' 
अपनी यह तीसरी काव्य-कृति ‘अंगारों पर शबनम’ (ग़ज़ल संग्रह) आप सब के हाथों में सौंपते हुए मुझे जो असीमित ख़ुशी हो रही है, उसे शब्दों में व्यक्त करना सम्भव नहीं है । यह ईश्वर की महान कृपा और आप सब का आशीर्वाद ही है, जो मेरी काव्य-यात्रा इस पड़ाव तक आ पहुँची है ।
अँधेरी शब को करारा जवाब मिल ही गया’
'''-[[वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’'‘अकेला]]'' छत्रसाल नगर के पीछे, पन्ना रोड, छतरपुर-471001 (म. प्र.) मोबा. नं.-09981585601<poem/poem>
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