भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|आगे=कबीर दोहावली / पृष्ठ २
|सारणी=दोहावली / कबीर
}}
{{KKCatDoha}}
<poem>
दुख में सुमरिन सब करे, सुख में करे न कोय ।