भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
1,416 bytes removed,
06:06, 31 जुलाई 2006
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
इस कवि की कोई भी रचना अभी '''कविता कोश''' में उपलब्ध नहीं है। यदि आपके पास इस कवि की कोई कविता हो तो कृपया उसे '''कविता कोश''' में जोडें। कविता जोडने के लिये यहाँ क्लिक करें -> * [[सुझाई गयी कविताएं/ विद्यापति]] (१)जय जय भैरवि असुर-भयाउनि, पशुपति भामिनी माया।सहज सुमति वर दिअ हे गोसाऊनि, अनुगति गति तुअ पाया।। वासर रैन सवासन शोभित, चरण चन्द्रमणि चूडा।कतओक दैत्य मारि मुख मेलल, कतओ उगलि कय कूडा।। साँवर वरन नयन अनुरंजित, जलद जोग फूल कोका।कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि, लिधुर फेन उठि फोका।। घन-घन घनन घुँघरू कत बाजय, हन-हन कर तुअ काता।विद्यापति कवि तुअ पद सेवक, पुत्र बिसरू जनु माता।।