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सुख / अनिल जनविजय

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{{KKRachna
|रचनाकार=अनिल जनविजय
|संग्रह=माँ, बापू कब आएंगे
}}

अचानक पीछे लौट कर

अपने बचपन से हाथ मिलाना

कुछ देर बोलना-बतियाना

और उसके साथ-साथ तुतलाना

मेले में खो गए

किसी बच्चे के साथ लुका-छिपी खेलना
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