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{{KKRachna
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=आँगन के पार द्वार / अज्ञेय; सुनहरे शैवाल / अज्ञेय
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<poem>
बना दे चितेरे,
मेरे लिए एक चित्र बना दे।