भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बिखरन / प्रांजल धर

1 byte removed, 15:42, 9 अगस्त 2013
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रांजलधरप्रांजल धर
|संग्रह=
}}
कि स्थगित हो जाती चिर-यात्रा समय के विशालकाय वाहन की,
ठहर जातीं श्वेत-श्याम घड़ियाँ
और ठहर जाता मैं भी ।भी।रूमानी भी नहीं यह स्थगन ।स्थगन।
फ्लैशबैक में चलती एक मुर्दा कैसेट,