भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=मीना कुमारी
}} {{KKAnthologyChand}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।
</poem>