भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* ग़ज़लें */
{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ बदल जाएगा सब कुछ ये तमाशा भी नहीं होगा / शहराम सर्मदी]]* [[ब-नाम-ए-इश्क़ इक एहसान सा अभी तक है / शहराम सर्मदी]]* [[ग़ुबार-ए-दर्द में राह-ए-नजात ऐसा ही / शहराम सर्मदी]]* [[इस सोच में ही मरहला-ए-शब गुज़र गया / शहराम सर्मदी]]* [[जो इस बरस नहीं अगले बरस में दे दे तू / शहराम सर्मदी]]* [[ख़ला सा ठहरा हुआ है ये चार-सू कैसा / शहराम सर्मदी]]* [[रगों में रात से ये ख़ून सा रवाँ है क्या / शहराम सर्मदी]]* [[समुंदर तिश्नगी वहशत रसाई चश्मा-ए-लब तक / शहराम सर्मदी]]* [[वो एक लम्हा-ए-रफ़्ता भी क्या बुला लाया / शहराम सर्मदी]]* [[याद की बस्ती का यूँ तो हर मकाँ ख़ाली हुआ / शहराम सर्मदी]]