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|संग्रह= मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthaniKKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita}}<poem>थेपड़्यां थेपती काकी
कांई जाणै एस.एम.एस. री थाप।
मोबाईल री क्रांति