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|संग्रह=उजास रा सुपना / शिवराज भारतीय
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<Poempoem>
थूं है ग्यान रो सागर मां
म्हैं नैनी-सी गागर मां
बिरथा ना जा मिनख जमारो
आसीसां दे सुरसत मां ।
</Poempoem>