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तरस आवै परिवारां पर
भूखां नैं तिरवाळा आवै
द्घठ्ठह्व स्रद्मत्रद्मड्ड द्बद्भ स्रद्मत्रद्म 1द्मशस्दिन काळां पर काळा आवै
हरेक दिन री ड्यौढी पर
सूरज रा तकादा हुवै
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