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बेताज हुकूमत का मज़ा और है वरना
मसनद <ref>सिंहासन </ref> के लिए लोगों का इसरार बहुत है
मुश्किल है मगर फिर भी उलझना मिरे दिल का
साए के लिए एक ही दीवार बहुत है
</poem>
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