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उठाए हाथ जब भी वो, मेरे लिए दुआ करे
अकेले बैठूं बैठी मैं कहीं जो कभी मैं, खुद को सोचती हुईगुम ख्यालों में दिखूँतो मेरी आँखें मूँद मीच करमेरी, वो पीछे से हंसा हँसा करे
मुझे बताए ग़लतियाँ, दिखाए भी वो रास्ता
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