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Kavita Kosh से
|रचनाकार=कैफ़ी आज़मी
}}
{{KKCatGhazal}}<poem> अब और क्या तेरा बीमार बाप देगा तुझे<br>बस एक दुआ कि ख़ुदा तुझको कामयाब करे<br>वो टाँक दे तेरे आँचल में चाँद और तारे<br>तू अपने वास्ते जिस को भी इंतख़ाब करे <br/poem><br><br>
इंतख़ाब = चुनाव <br><br>