भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्णदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatPad}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।
हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ॥१।
नवल यमुना तटा नवल विमलजल नूतन मंद सुगंध समीर ।
नवल कुसुम नव पल्लव साखा कूजत नवल मधुपपिककीर ॥२॥
नव मृगमद नव अरगजा चंदन नूतन अगर सु नवल अबीर ।
नव वंदन नव हरद कुंकुमा छिरकत नवल परस्पर नीर ॥३॥
नवल बेनु महुवरी बाजे अनुपम नौतन भूषण नौतन चीर ।
नवल रूप नव कृष्णदास प्रभु को नौतन जस गावति मुनि धीर ॥४॥
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।
हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ॥१।
नवल यमुना तटा नवल विमलजल नूतन मंद सुगंध समीर ।
नवल कुसुम नव पल्लव साखा कूजत नवल मधुपपिककीर ॥२॥
नव मृगमद नव अरगजा चंदन नूतन अगर सु नवल अबीर ।
नव वंदन नव हरद कुंकुमा छिरकत नवल परस्पर नीर ॥३॥
नवल बेनु महुवरी बाजे अनुपम नौतन भूषण नौतन चीर ।
नवल रूप नव कृष्णदास प्रभु को नौतन जस गावति मुनि धीर ॥४॥
</poem>