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बेर बेर नही आवे अवसर बेर बेर नही आवे ।
जो जान तो करले भलाई जन्मोजन्म सुख पावे ॥ बरे०॥१॥
धन जोबत अंजलीको पाणी बखणतां बेर नहीं लागे ।
तन छुटे धन कोन कामको काहेकूं करनी कहावे ॥ बेर बेर०॥२॥
ज्याको मन बडो कृष्ण स्नेहकुं झूठ कबहूं नही आवे ।
सूरदासकी येही बिनती हरखी निरखी गुन गावे ॥ बेर बेर०॥३॥
</poem>
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बेर बेर नही आवे अवसर बेर बेर नही आवे ।
जो जान तो करले भलाई जन्मोजन्म सुख पावे ॥ बरे०॥१॥
धन जोबत अंजलीको पाणी बखणतां बेर नहीं लागे ।
तन छुटे धन कोन कामको काहेकूं करनी कहावे ॥ बेर बेर०॥२॥
ज्याको मन बडो कृष्ण स्नेहकुं झूठ कबहूं नही आवे ।
सूरदासकी येही बिनती हरखी निरखी गुन गावे ॥ बेर बेर०॥३॥
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