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{{KKAarti|रचनाकार=KKDharmikRachna}}{{KKCatArti}}<poem>हर हर हर महादेव सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी।अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी॥१॥ हर हर०
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