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19:23, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>पिता सुतला निश्चिन्त आमा रोबइ छथि जनकपुर मे
सीता रहय जोग ने छथि आब
सीता रहली कुमारी जनकपुर मे
पिता उठला चहाय चललाह वर खोजय जाथि जनकपुर मे
पिता घूरि फीरि अबथिन वर कतहु ने पार
माता खसली झमाइ जनकपुर मे
जनु आमा करू विरोग मन करू उदार जनकपुर मे
छथिन दशरथ के लाल अयोध्या मे
रामचन्द्र छथिन कुमार अयोध्या मे
चीठिया लिखाय बाबा हुनिके पठाय दिअयैन
हजमा के संग लगाय अयोध्यामे
</poem>
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