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Kavita Kosh से
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ये है कविता कोश अनुपम, अलंकारों से जड़ा,<br>जितना लूटोगे इसे आश्चर्य मय! उतना बढ़ा<br>हीरक मणि सी भावनाएं, विज्ञ लोगों ने गढी<br>कोश कविता का खुला है, पा सकें जिसने पढीं.<br>थामतीं हैं भावनाएँ, हो विषादों की घड़ी<br>इनकी तन्मयता निरंतर, ब्रह्म से होतीं जुडी.<br>जब कोई साथी हमें, मिलता नहीं परिवेश में,<br>साथ साँचा पा सकेंगे, मित्र '''"कविता कोश"''' में<br>
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<div id="kkcomentatorname">[[मृदुल कीर्ति | डॉ. मृदुल कीर्ति]], कवियत्री</div>
मात्र दो वर्ष में इतना अधिक नया—पुराना काव्य सृजन साहित्य प्रेमियों के लिए कविता कोष में जुटा पाना एक सपने जैसा तो लगता है, लेकिन इस सपने को यहाँ सच होते हुए भी हम देख ही पा रहे हैं। आश्वस्त हुआ जा सकता है कि आने वाले कुछ ही वर्षों में विश्व भर का हिन्दी काव्य यहाँ उपलब्ध होगा।
''है तेरे साथ अगर तेरे इरादों का जुनूँ,''<br>''क़ाफ़िला है तू कभी खु़द को अकेला न समझ''<br>
आपका यह संकल्प निरन्तर बना रहे, सुदृढ़ हो!
महान कवियों की अनमोल कविताओं का अनोखा संग्रह है कविता कोश. जब से जाना है दिन में एक बार तो जरूर ही कविता कोश में विचरण करती हूँ जितना देखती हूँ उतना ही कविताओं के इस महासागर में डूबती जाती हूँ. भगवान से प्रर्थना है की ये यूँ ही उन्नति पथ पे चढता रहे निखरता रहे सवरता रहे और रहती दुनिया तक आपनी वर्षगांठ मनाता रहे.
''कवियों की रचनाओं से परिचय करवाता कविता कोश''<br>''कविताओं का विशाल सागर है ये कविता कोश''<br>''एक व्यक्ति नही पूरी टीम का प्रयास है कविता कोश''<br>''हो बधाई सब को जिसने भी सजाया कविता कोश''<br>''कवि प्रेमियों का बसेरा है ये कविता कोश''<br>
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<div id="kkcomentatorname">रचना श्रीवास्तव</div>
अंग्रेज़ी शब्दों के महाजाल के बीच स्थित कम्प्यूटर का अनजाना सा दिखनेवाला पर्दा जब अचानक महादेवी वर्मा, अज्ञेय, दुष्यंत कुमार इत्यादि की रचनाओं की दीप्ती तले कौंधने लगता है और विनोद कुमार शुक्ल, अरुण कमल आदि की रचनाओं को प्रस्तुत करने लगता है तो मन में हिन्दी कविता के प्रति आश्वस्ती सी जागती है। सुकून और तसल्ली की लहर हृदय को छूती है, दिलासा देती है कि हिन्दी कविता कहीं न कहीं वयव्यथा के बीच मौजूद है और शायद ऐसे ही आगे भी बनी रहेगी, स्वयं को बनाये रख पाएगी। ये तय है की कविता कोश स्वयं को और अधिक प्रतिष्ठापूर्वक स्थापित कर पाएगा यदि विज्ञान के तीव्र क़दमों के बीच हिन्दी के फ़ॉन्ट को भी ढंग से नियोजित किया जाए।
शुभकामनाएँ।<br>कविता कोश के लिये!<br>कविता कोश का प्रथम स्वप्न देखने वाले के लिये!<br>कविता कोश टीम से सम्बंधित सभी लोगों के लिये।<br>
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<div id="kkcomentatorname">[[इला कुमार]]</div>
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हिन्दी उन्नति कर रही, देखि हुआ संतोष,<br>कविगण हो आनन्दमय, देखें 'कविता कोश'<br>देखें कविता कोश सभी पाठकगण आकर<br>दीवाने हों मधुशाला में डुबकी पाकर<br>कह 'सज्जन' कविराय, आज बन सुन्दर बिन्दी<br>भारत माता के मस्तक पर सजती हिन्दी<br>
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<div id="kkcomentatorname">[[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]</div>
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