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Kavita Kosh से
नष्ट करने में नहीं
बनाने में मेहनत लगती है. बुद्धि लगती है, वक्त लगता है
और थोड़े से मंसूबे लगते हैं।
इसके बावजूद बनाने वाले तोड़ने वालों पर भारी पड़ते हैं