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मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार
अंध कक्षा कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान
जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,
जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार