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दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
लालन को मुंख चूमि चूमि
दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
रितु ललित बसन्ती आवैं लगी
रितु ललित बसन्ती आवैं
ये हरे पात पियराय लगे
रितु ललित बसन्ती आवैं लगी
रितु ललित बसन्ती
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