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कतहु गिरिजा, सिन्धुजा कहुँ, वेदजा सुरधुनि कतहु
कतहु कमला सजल गमला पल्लवित पुष्पित लतहु।।2।।
कतहु पùिनिपद्मिनी, हस्त शंखिनि, कतहु चित्रिणि चित्रिता
शान्त ललित उदात्त उद्धत भूमिका कत भिन्नता
विश्वमंचक रूप शोभा भव-विभव उन्नायिका