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जल्दी करो भाई / प्रयाग शुक्ल

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<poem>जल्दी करो, जल्दी करो
जल्दी करो भाई।
ऊँट की सवारी है
मेले में आई!
हाथी पे चढ़ना तो
हाथी भी आया,
चलो-चलो हाथी का
साथी भी आया।
जल्दी करो, जल्दी करो
आज तुम पढ़ाई,
मेले से पहले है
थोड़ी चढ़ाई!
थोड़ी चढ़ाई,
जल्दी करो, जल्दी करो,
जल्दी करो भाई!

बंदर का नाच
और भालू का नाच,
डुगडुग डुगडुग डुगडुग
भालू का नाच।
बड़े-बड़े झूले हैं
बड़े-बड़े खेल,
चलती है एक वहाँ
छोटी-सी रेल।
सुनो-सुनो पड़ती है
सीटी सुनाई!
सीटी सुनाई
जल्दी करो, जल्दी करो
जल्दी करो भाई!

-साभार: पराग, मार्च, 1978, 75
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