भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

धमकी / किरण अग्रवाल

1,255 bytes added, 05:23, 15 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=किरण अग्रवाल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=किरण अग्रवाल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatStreeVimarsh}}
<poem>उन्होंने मुझे धमकी दी
‘जो कुछ तुम कर रही हो अच्छा नहीं कर रही हो
वापस लौट आओ
हमारा कहा नहीं मानेगी तो मारी जाओगी
जान प्यारी है तो वापस लौट आओ’

मैंने कहा ‘मुझे जान प्यारी नहीं है
तुम चाहो तो मार सकते हो मुझे’

उन्होंने एक तमंचा निकाला
और मेरी कनपटी से लगा दिया
‘अब क्या कहती है जबान-दराज़ औरत!’

‘अब भी मेरा वही कहना है
तुम चाहो तो खुशी से मार सकते हो मुझे’

उन्होंने तमंचा मेरी कनपटी से हटाकर
वापस अपनी जेब में डाल लिया!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits