भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इतने ऊँचे से / हेमन्त कुकरेती

69 bytes added, 10:05, 17 दिसम्बर 2015
सिर पर आसमान
इस सच को मैं अपने बिलकुल पास रखता हूँ
और डराता नहीं हूँ किसी को...
</poem>