भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कमाल की औरतें १३ / शैलजा पाठक

9 bytes removed, 05:20, 20 दिसम्बर 2015
जहां मेरी दो चोटियों में बंधा मेरे लाल फीते का फूल
ऊपर को मुँह उठाये सूरज से नजरें मिलाता है।
मैं</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits