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बनवा के एक आरसी हमने कहा कि लो ।लो।पकड़ी कलाई उसकी जो वह शाख़सार<ref>शाख़ जैसी , कोमल</ref>-सी ।सी।लेकर बड़े दिमाग और देख यक-ब-यक ।बयक।त्योरी चढ़ा के नाज़ में कुछ करके आरसी ।आरसी।झुँझला झुंझला के दूर फेंक दी और यूँ यूं कहा चै ख़ुश ।खु़श।हम मारते हैं ऐसी अंगूठे पै आरसी ।आरसी।
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