भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चाँद हादियाबादी }} [[Category:गज़ल]] <poem> ए...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=चाँद हादियाबादी
}}
[[Category:गज़ल]]
<poem>
एक-एक करके सारे ख़ाब वो तोड़ गया
कच्ची पक्की नीँद में हमको छोड़ गया
कहने को जी जान लुटाता था हम पर
जाते जाते कर्ज़ में हमको छोड़ गया
जब तक उस से दूरी थी हम अच्छे थे
आया जब नज़दीक हमें झंझोड़ गया
मिसरी जैसी मीठी बातें करता था
दिल के छत्ते से वो शहद निचोड़ गया
बहुत दिनों के बाद दिखा चौराहे पर
देखा "चाँद" जो उसने वो रुख़ मोड़ गया
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=चाँद हादियाबादी
}}
[[Category:गज़ल]]
<poem>
एक-एक करके सारे ख़ाब वो तोड़ गया
कच्ची पक्की नीँद में हमको छोड़ गया
कहने को जी जान लुटाता था हम पर
जाते जाते कर्ज़ में हमको छोड़ गया
जब तक उस से दूरी थी हम अच्छे थे
आया जब नज़दीक हमें झंझोड़ गया
मिसरी जैसी मीठी बातें करता था
दिल के छत्ते से वो शहद निचोड़ गया
बहुत दिनों के बाद दिखा चौराहे पर
देखा "चाँद" जो उसने वो रुख़ मोड़ गया
</poem>