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गीत कोई कैसे गाते नौहागर होने के बाद
लिखने वाले ने कुछ ऐसी दस्तानेदास्ताने-ग़म लिखी
पढ़ने वाले रो पड़े दिल पर असर होने के बाद
सुब्ह दम सूरज की किरनो का असर भी खूब है
दर्दे-दिल कुछ कम हुआ अब थम गया है रात भर होने के बाद
खुश हुआ दिल उन लबों पर इक तबस्सुम देखकर