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/* सातवाँ भाग */
* [[तुम्हारी कृपा है तो दुश्मन का डर क्या / बिन्दु जी]]
* [[भजन श्यामसुंदर का करते रहोगे / बिन्दु जी]]
* [[गुलाम गर्चे खता ग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं / बिन्दु जी]]
* [[कुछ दशा अनोखी उनकी बतलाते हैं / बिन्दु जी]]
* [[सुघर साँवले पर लुभाए हुए हैं / बिन्दु जी]]
* [[क्या वह स्वभाव पहला सरकार अब नहीं है / बिन्दु जी]]
* [[जिससे ब्रजमंडल का मन गोपाल मनमोहन में है / बिन्दु जी]]
* [[कैद क़ैद दुनिया जिस अजब जादू की है टोने की है / बिन्दु जी]]
* [[बहुत दिन से तारीफ़ सुनकर तुम्हारी / बिन्दु जी]]
* [[वो जाने श्याम कि की नजरों के मजे कस-कस के / बिन्दु जी]]
* [[जब से घनश्याम इस दिल में आने लगे / बिन्दु जी]]
* [[कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी / बिन्दु जी]]
====आठवाँ भाग====
* [[अहो! शंकर भोले भगवानहे मेरे घनश्याम! हृदयाकाश पर आया करो / बिन्दु जी]]