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माँ - 1 / डी. एम. मिश्र

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इस शीर्ष पर कोई नहींमाँ जहाँ तुम होवहाँ कोई नहींतब न था आकाशऔर न ज़मीन थीअस्तित्व भी कोई न थासिर्फ तुम थींपूरी दुनियासिर्फ तुम थीं
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