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उल्टा पुल्टा रेंगय मं सब काम बिगड़ जाथे ठउका
अलग -अलग पतवार च ले चले मन धार बीच मं उलटथे नउकातुम ज्ञानी हो पर काबर बइठे हो चुप्पे चाप ।चाप।
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