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Kavita Kosh से
* [[पूछना है क्या किसी से / अमरेन्द्र]]
* [[आज वन में कुहुक बोले / अमरेन्द्र]]
* [[चोट जितने हों, हरे हों / अमरेन्द्र]]
* [[दुःख जहाँ गहरा हुआ है / अमरेन्द्र]]