भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार सौरभ |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> दो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार सौरभ
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
दोस्त कहकर जो मिला
सबने ठगा
सबने छला

तुम मिले
दिल से लगाया
दोस्त कहकर बात की
डर गया
मैं हिल गया
रात भर सोया नहीं !!
</poem>
92
edits