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<poem>
जोड़ायतां
सिणगारती रैवे देह
परेमिकांवां
सिणगारे रूं
बखत रै सागै
कमती पड़ जावै
देह रौ सिणगार
पण तर-तर
रूपाळी हुती रैवे रूं
बदिळया नीं करे
साँचो परेम
क्यांकि
परेम री न देह हुवै
न उमर हुवै
जांत -पांत धरम
सब सूं परै
हुया करै
पूरण परेम

</poem>
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