भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रीस / दीनदयाल शर्मा

1,136 bytes added, 02:52, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
मन्नै
जद आवै रीस
तद
जोड़ायत कमलेश
आपरौ घणकरौ सो टैम
बितावै रसोईघर में
चुपचाप

बेटै दुष्यन्त रौ भी
बंद हुज्यै
गीत गुणगुणावणौ
बडोड़ी बेटी
निजरां नीची कर्यां
आपरी पोथी रा
पन्ना पळटती रैवै
इन्नै-बीन्नै

अर छोटकी बेटी मानसी
स्यात
करण लागज्यै
आपरौ होमवर्क
या टैम नै पास
जियां-तियां

घर री
सगळी चीज्यां
हुज्यै मून
आखै घर में
पसरज्यै सरणाटौ।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits