भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अपणायत / दुष्यन्त जोशी

706 bytes added, 06:50, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
म्‍हूं आँख्यां सूं
जाण लेवूं
मन रै
मांयला भाव

आँख्यां
आरसी हुवै
मिनख रै मन री

म्‍हूं चावूं
कै पूंछदयूं
हरेक री
आँख रा आँसू

पण लोग
क्यूं हुया बगै
अळगा
अपणायत सूं ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits