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|रचनाकार=करणीदान बारहठ
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|संग्रह=झर-झर कंथा / करणीदान बारहठ
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<poem>
भामा रै घूघरिया बंदग्या,
आंख्यां में एक उजालो हो।
हिवड़े में हरख हुयो भारी,
जद राणा रो संदेशो आयो।
शाहणी नैं तुरत बुलाओ अब,
बेटा नै, बेटा रा बूआ नै।
सागै मुनीमजी लै आओ,
बेट्यां नै सागै भूआ नै।
सगला नै भैला कर बोल्यो,
राणा रो एक संदेशो है।
राणा री फोज़ा भूखी है,
हारण रो ओ अंदेशो है।
राणा मांगै सोनो चांदी,
राणा मांगै हीरा मोती।
राणा संदेशा भेज्यो है,
राणा मांगै जीवण जोती।
असतर ससतर कम होग्या,
फौजां री भरती कम होगी
राणा रो धन निवड़ग्यो है,
राणा री हिम्मत कम होगी।
बोल शाहणी तू बडेरी,
तेरी बेट्यां तेरी बूआं।
तेरो सोनो तेरा मोती,
तेरी हां में म्हारी हूं हां।
शाहणी बोली है भामाशाह,
धन स्यूं धरती धर्म बड़ो है।
सोनो चांदी हीरा मोती,
मां धरती रै मांय गड्यो है।
है धन्य जननियां मां परबां,
मोती बरगा लाल चढ़ाया।
आज आपणो मोको आयो,
मां पर मोती लाल चढ़ावां।
छाती पर सोनो भरी जद,
छाती पर दुसमण चढ़ि आयो।
पैरां पर चांदी बेड्यां हैं,
जद हथकड़ियां शत्रु ले आयो।
ओ सोनो सुरंगो लागै लो,
जद सोने रा सांप बणावैला।
दुसमण री छाती पर चढ़गे,
दुसमण रो खून पिलावैगा।
बेट्यां बहुआं ल्या फेंको,
सोना चांदी हीरा मोती।
राणा रो संदेशो आयो है,
आ राणा री जीवण ज्योती।
भामा रै हिवड़ै हरख हुयो,
भामा रो सपनो सजग हुयो।
भामा रो सीनो तणग्यो अब,
जद शाहणी ओ बैण कह्यो।
वाह शाहणी! आज मनै
पूरो तेरै पर गौरव है।
भारत री साची नारी है,
थानै मां लक्ष्मी रो वर है।
सोनै रा आखर मिटै नहीं,
इतिहास लिखै जो आगी नै।
ओ सोनो घिरतो फिरतो है,
अै आखर मिलसी भागी नै।
मेरो तेरै स्यूं नाम बड़ो
पण त्याग बडेरो तेरो है।
नारी लछमी लिछमी नारी,
नर तो रखवालो डेरो है।
अब मायापति माया ले ली,
पहुंच्यो शक्ति रै डेरै में।
दोनां री ताकत जा बैठी,
तुरत जीत रै फेरै में।
फोजां में ज्यान नई आई,
राणा रो जोश समूचो हो।
अब शेर बबरची चिंघाड्यो,
दुसमण रो रुतबो नीचो हो।
</poem>
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भामा रै घूघरिया बंदग्या,
आंख्यां में एक उजालो हो।
हिवड़े में हरख हुयो भारी,
जद राणा रो संदेशो आयो।
शाहणी नैं तुरत बुलाओ अब,
बेटा नै, बेटा रा बूआ नै।
सागै मुनीमजी लै आओ,
बेट्यां नै सागै भूआ नै।
सगला नै भैला कर बोल्यो,
राणा रो एक संदेशो है।
राणा री फोज़ा भूखी है,
हारण रो ओ अंदेशो है।
राणा मांगै सोनो चांदी,
राणा मांगै हीरा मोती।
राणा संदेशा भेज्यो है,
राणा मांगै जीवण जोती।
असतर ससतर कम होग्या,
फौजां री भरती कम होगी
राणा रो धन निवड़ग्यो है,
राणा री हिम्मत कम होगी।
बोल शाहणी तू बडेरी,
तेरी बेट्यां तेरी बूआं।
तेरो सोनो तेरा मोती,
तेरी हां में म्हारी हूं हां।
शाहणी बोली है भामाशाह,
धन स्यूं धरती धर्म बड़ो है।
सोनो चांदी हीरा मोती,
मां धरती रै मांय गड्यो है।
है धन्य जननियां मां परबां,
मोती बरगा लाल चढ़ाया।
आज आपणो मोको आयो,
मां पर मोती लाल चढ़ावां।
छाती पर सोनो भरी जद,
छाती पर दुसमण चढ़ि आयो।
पैरां पर चांदी बेड्यां हैं,
जद हथकड़ियां शत्रु ले आयो।
ओ सोनो सुरंगो लागै लो,
जद सोने रा सांप बणावैला।
दुसमण री छाती पर चढ़गे,
दुसमण रो खून पिलावैगा।
बेट्यां बहुआं ल्या फेंको,
सोना चांदी हीरा मोती।
राणा रो संदेशो आयो है,
आ राणा री जीवण ज्योती।
भामा रै हिवड़ै हरख हुयो,
भामा रो सपनो सजग हुयो।
भामा रो सीनो तणग्यो अब,
जद शाहणी ओ बैण कह्यो।
वाह शाहणी! आज मनै
पूरो तेरै पर गौरव है।
भारत री साची नारी है,
थानै मां लक्ष्मी रो वर है।
सोनै रा आखर मिटै नहीं,
इतिहास लिखै जो आगी नै।
ओ सोनो घिरतो फिरतो है,
अै आखर मिलसी भागी नै।
मेरो तेरै स्यूं नाम बड़ो
पण त्याग बडेरो तेरो है।
नारी लछमी लिछमी नारी,
नर तो रखवालो डेरो है।
अब मायापति माया ले ली,
पहुंच्यो शक्ति रै डेरै में।
दोनां री ताकत जा बैठी,
तुरत जीत रै फेरै में।
फोजां में ज्यान नई आई,
राणा रो जोश समूचो हो।
अब शेर बबरची चिंघाड्यो,
दुसमण रो रुतबो नीचो हो।
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