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[[Category: ताँका]]
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7बाहों में तुमलिपटी लता- जैसेहोंठों से पीतेमादक अधरों कोथम गया समय।8बन्धन कसेप्राण भी अकुलाएनदी सिन्धु मेंमिले और खो जाए कोई भी ढूँढ न पाए।9साथी है कौनअम्बर भी है मौनएकाकी पथदूर तक सन्नाटाकिसने दुख बाँटा ।10भोर के माथे जड़ दिया चुम्बनखिला आँगनआँख भरके देखा-तुम्हीं तो सामने थे11 कभी पिला दोअधर सोमरसमुझे जिलादो,आलिंगन कसकेसूने उर बसना।12घना अँधेराघिरा है चारों ओरतेरी मुस्कानमेरा नूतन भोरतुम्हीं हो और -छोर।13कर दूँ तुम्हेंमैं सुख समर्पितअपने दुःखमुझे सब दे देनावही आनन्द मेरा।
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